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१० बोरवेल में वर्षा जल संचयन का कार्य संपन्न ,लगभग १० बोरवेल में गिट्टी डालकर काम ९० प्रतिशत पूरा हो चूका है ,बिरुल बाज़ार के युवाओ ने पंचायत के सुख चुके खाली पड़े ट्यूबवेल को पुनः जीवित करने हेतु किया श्रमदान,वर्षा जल संचयन पर अमरावती घाट में सेमिनार दिया गया,बिरुल बाज़ार में वर्षा जल संचयन पर सेमिनार

वर्षा जल संचयन की विधियां | rain water harvesting techniques

ट्यूबवेल रिचार्ज करने की विधि 
      इस सरल तकनीक द्वारा बरसात के फालतू बह जाने वाले पानी को टॅयूबवेल के पास बनाये गये फिल्टर के माध्यम से शुद्ध करके भू-जल में मिलाया जाता है।
·    टॅयूबवेल के केसिंग पाईप के चारों तरफ ५ फीट गोलाई का १० फीट गहरा गड्ढ़ा खोदा जाता है।
·    इसमें 5 फीट गहराई तक केसिंग पाईप के चारों तरफ 5 से 10 से.मी. के अंतर से 8 से 10 मि.मी. साईज के छेद किये जाते हैं।

·    छिद्रित केसिंग पाईप (लगभग 5 फीट लंबे) पर निचे से ऊपर की ओर नायलान की जाली लपेट दी जाती है तथा इसके ऊपर नारियल की रस्सी गोल-गोल घुमाते हुए कसकर बांध दी जाती है।
·    अब गड्ढ़े में प्रथम एक मीटर तक (नीचे से) 40 मि.मी. साईज की गिट्टी एवं उसके ऊपर एक मीटर के हिस्से में मोटी रेत तथा इसके ऊपर नायलान की जली रख दी जाती है इसके बाद ऊपर से 2 फीट खाली छोड़कर बालू रेती भरी जाती है। ताकि पानी फिल्टर होकर नीचे जाये।
·    सबसे ऊपर गड्ढ़े को 2 फीट खाली छोड़ दिया जाता है ताकि बरसात का पानी इसमें भरकर रिस सके।
·    इसके बाद खेत के पानी को इस ट्यूबवेल की ओर मोड़ दिया जाता है
·  यदि आपके पास कुआं है तो आप कुये का पानी भी मोटर पंप की सहायता से इसमें भर सकते है
·    रेत गिट्टी से छनकर शुद्ध पानी नलकूल में जाता है। पूरी बरसात में पानी जमीन के भीतर एकत्र रहता है तथा ट्यूबवेल का जलस्तर बढ़ जाता है।
·    इकट्ठे हुए पानी से ट्यूबवेल जिंदा हो जाता है।

वर्षा जल संचयन की विधिया 






1 comment:

  1. aaj hum logo ne inspection kiya tubel ka from success step in rain water harvesting

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